
रुड़की के प्रसिद्ध व्यापारी,बैंकर,उद्योगपति,समाजसेवक व राजनीति के स्तभ रहें लाला केदारनाथ रुड़की के रहे पूर्व मेयर गौरव गोयल के हैं बाबा जी
लाला केदारनाथ की गौरव गाथा उनकी उद्यमशीलता,व्यापार में सफलता,करूणा,दयाशीलता व दूरदृष्टि की एक लंबी कहानी हैं।मंगलौर टाऊन में लाला केदारनाथ के पड़दादा जेयसी मल पनियाला गांव में रहते थे।उनके पुत्र सौदागर मल और पौत्र लौतीराम 1840 में मंगलौर के परगना बनने के बाद पनियाला से मंगलौर शिफ्ट हो गए थे।उस समय मंगलौर व देवबंद विकसित कस्बे हुआ करते थे थे।पनियाला चांदपुर रुड़की से 4 किमी दूरी स्थित पनियाला चांदपुर बड़ा गांव रहा है।
रुड़की रेलवे स्टेशन के निकट स्थित मिश्रित जनसंख्या वाला यह गांव अतीत से ही वैभवशाली रहा।रुड़की के अनेक प्रतिष्ठित परिवारों की जड़ें पनियाला गांव से जुड़ी रही हैं।यहां से जुड़े अनेक परिवारों ने राजनीति और व्यापार के शिखर को छुआ है।रुड़की में गंगा नहर का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद और रूड़की के नगर रूप में विकसित होने पर 1896 में रुड़की तहसील के सब-डिविजन बनने के बाद लाला केदारनाथ का परिवार मंगलौर से रुड़की आ गया था।
लाला सौदागर मल जी द्वारा 1890 में शहर के प्रतिष्ठित इलाके राजपूताना में एक बडी हवेली का निर्माण कराया जो आज भी परिवार की यशगाथा को बताती है।लाला केदारनाथ ने रुड़की,मंगलौर,देवबंद और ज्वालापुर में बड़ी अचल संपति का अर्जन किया।ये सभी शहर उस समय तरक्की की राह पर आगे बढ़ रहे थे।आपने ज्वालापुर में अशोका टाकीज व रुड़की में रुड़की टाकीज की स्थापना की।आपने देवबंद में भी एक टाकीज की स्थापना की थी।आपने रुड़की के स्थानीय उद्योग ड्राइंग सर्वे इंस्ट्रूमेंट के साथ-साथ ज्वालापुर में देश की दूसरी प्लाईवुड़ फैक्ट्री यूनाइटेड टिंबर एंड प्लाइवुड इंडस्ट्रीज की स्थापना की।अनेक शिक्षण संस्थाओं के साथ भी आपका नाम जुड़ा,जिसमें मंगलौर में 1943 में स्थापित नेहरू राष्ट्रीय इंटर कॉलेज व रुड़की के निकट स्थित रामपुर गांव में लाल बहादुर शास्त्री स्मारक विद्यालय जू-हाईस्कूल के लिए कमरे बनवाना आदि शामिल हैं।सन् 1920 में लाला केदारनाथ ने पुरानी तहसील स्थित माता वाले बाग की कुछ भूमि पर पुराने अस्पताल के सामने स्थित प्रसिद्ध काली मंदिर का निर्माण करवाया।ये जमीन 1910 में आपके पिता लौतीराम ने मंदिर को दान दी थी।काली माता मंदिर में ब्राह्मण संस्कृत पाठशाला के संचालन का उल्लेख बीएसएम कॉलेज के इतिहास में भी दर्ज है,इसके अतिरिक्त मंगलौर स्थित शिव मंदिर के लिए भूमिदान दी।सन् 1980 में लाला केदारनाथ ने सुनहरा रोड स्थित एक जमीन स्मॉल स्केल इंड्रस्ट्रियल एसोसिएशन रुड़की के नाम की।संस्था ने वर्ष 2005 में उक्त जमीन को 16 लाख रुपए में बेचकर उस धन से रामनगर इंड्रस्टियल एरिया में इनडोर बैडमिंटन हॉल का निर्माण किया।
आर्य समाज स्मारिका में लाला केदारनाथ का जिक्र…
लाला केदारनाथ जी का आर्यसमाज से भी गहरा जुड़ाव रहा।आर्य समाज रुड़की की स्थापना के शताब्दी पर 1978 में प्रकाशित स्मारिका में भी आपकी दानशीलता का विस्तृत उल्लेख किया गया है।सन् 1944 में लाला केदारनाथ ने भूमि प्रकट किए कि मैंने आर्यसमाज को खरीदकर आर्य व्यायामशाला द्वार के लिए दान दिया है और बनवाई।आर्य व्यायामशाला के लिए समाज इस द्रव्य को लेना चाहे तो खरीदी जमीन पर ही आर्य उपवन जितना मैंने दिया है,उतना ही दिया बना।आर्य व्यायाम शाला के बारे में जायेगा अन्यथा मेरा विचार है कि स्मारिका में आगे विवरण मिलता है।समाज की ओर से एक शताब्दी स्मारिका के पृष्ठ 24 पर व्यायामशाला रुड़की में स्थापित की आर्य व्यायामशाला के बारे में निम्न जाय और मैंने यह जमीन खरीदने विवरण मिलता है।का प्रबंध भी कर लिया है।अन्तरंग सभा,आर्य समाज 21 व्यायामशाला पूर्णरुप से आर्य जनवरी 1944,दिन शुक्रवार रात्रि के समाज की ही रहेगी और जो भी आठ बजे विषय संख्या 3 में निश्चय प्रबन्ध इत्यादि होगा,सब आर्य हुआ।लाला केदारनाथ जी अन्तरंग समाज के ही अधिकार व में स्वयं उपस्थित थे।उन्होंने विचार एकाधिपत्य में रहेगा।
जब सेठ केदारनाथ के सिक्के जिला सहारनपुर में चले…
सन् 1925 के आसपास रुड़की का मेनबाजार पूरी तरह विकसित हो चुका था।द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान छोटी मुद्रा में कमी आ जाने पर तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने लाला केदारनाथ की बैंकर्स फर्म लाला लौती राम केदारनाथ को एक आना,दो आना,चार आना,आठ आना और बारह आना के सिक्के चलाने की अनुमति दे दी।लगभग तीन चार साल ये सिक्के पूरे सहारनपुर जनपद में चले।सन् 1960 में गौरव गोयल के ताऊ जी राजेन्द्र सेठ ने सिविल लाईन्स स्थित रुड़की के स्टेशन क्लब के लिए भूमि उपहार में दी।स्टेशन क्लब उच्चस्तरीय नागरिकों के लिए मनोरंजन,मेल मिलाप व उत्कर्ष का केंद्र बना।1944 में वर्तमान आर्य उपवन के लिए जमीन खरीदकर दिए जाने का विस्तृत उल्लेख अलग से दिया गया हैं।आपने अनेक तीर्थस्थलों पर अनेक मंदिरों,धर्मशालाओं में खुले हाथों से दान पुण्य किया।वर्ष 2022 में मेयर गोयल ने अपने जन्मदिन के अवसर पर सोलानी नदी श्मशान घाट समिति को लाखों रूपए कीमत की भूमि दान दी।उन्होंने अपने दादा-दादी,पिता की स्मृति में 2500 वर्ग फीट की भूमि संस्था को दान दी।शमशान घाट समिति इस भूमि का उपयोग सामाजिक कार्य के लिए कर रही है।
लाला केदारनाथ,श्रीमती विद्यापुरी की अध्यक्षता में बने रुड़की नगर पालिका के पहले बोर्ड के सदस्य भी निर्वाचित हुए और आपको बोर्ड का उपाध्यक्ष भी चुना गया।आपका नाम नगर पालिका भवन के उद्घाटन पर लगाए गए नगर पालिका भवन के शिलापट्ट पर भी अंकित हैं।नेहरु नेशनल इंटर कालेज,मंगलौर के प्रवेश द्वार पर शिलापट्ट मौजूद है।