
रुड़की।ज्योतिष गुरुकुलम में श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन कथा व्यास आचार्य रमेश सेमवाल जी महाराज ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने रुक्मणी जी के साथ उनके कहने पर विवाह किया।ये भगवान श्री कृष्ण जी और रुक्मणी जी का आध्यात्मिक विवाह था।जीव जगत के कल्याण के लिए विवाह था।कथा व्यास आचार्य रमेश सेमवाल जी महाराज ने कहा कि अगर जीव भगवान से मिलन कर ले तो उसका कल्याण हो जाएगा।
हमें श्री रामचरितमानस और श्री भागवत पुराण से बहुत कुछ सीखना चाहिए और यह भी सीखना चाहिए कि पति-पत्नी का संबंध कैसा हो,भाई-भाई का संबंध,पिता-पुत्र का संबंध व समाज में लोगों से संबंध कैसे हों,किस प्रकार हम प्रसन्नता से अपने जीवन को जी पाएं,यही भागवत पुराण हमें सिखाता है और यही रामचरितमानस भी हमें सिखाती है।हमें अपनी संतान को संस्कारवान बनानी चाहिए।उन्हें अच्छे संस्कार देने चाहिए।ऋषि-मुनियों की परंपरा पर चलना चाहिए और धर्म-ग्रंथो को पढ़कर उस पर चिंतन करना चाहिए,जिससे हमारा जीवन सुख-शांति से बीते और हम भक्ति से शक्ति प्राप्त कर सकें।इससे हमारा कल्याण हो जाता है,इसलिए निरंतर परमात्मा की शरण में रहना चाहिए।धर्म-ग्रंथो का अध्ययन करना चाहिए।श्रीमद् भागवत महापुराण भागवत गीता,श्री रामचरितमानस,हनुमान चालीसा का पाठ निरंतर अपने घर में करना चाहिए,जिससे हमारा जीवन बदल जाता है।कलयुग में परम शांति का यही उपाय है कि हम निरंतर प्रभु भक्ति करते रहें।कथा में पूर्व मेयर गौरव गोयल,सुलक्षणा सेमवाल,राधा भटनागर,चित्रा गोयल,अदिति सेमवाल,पूजा वर्मा,इंद्रमणि सेमवाल,प्रकाश शास्त्री,मंगल दत्त शर्मा,रेनू शर्मा आदि ने आरती कर आचार्य जी से आशीर्वाद प्राप्त किया।